कोटद्वार : उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने शेर सिंह बिष्ट उर्फ शेरदा अनपढ़ की पुण्य तिथि पर और सुमित्रा नन्दन पन्त को उनके अवतरण दिवस पर पुण्य स्मरण और नमन किया। इस अवसर पर पार्टी उपाध्यक्ष पूरण सिंह भण्डारी ने कहा कि शेरदा को हमने कैसेटस और आकाशवाणी से सुना और जाना। हसनै बहार शीर्षक से उनकी कैसेट्स निकलती थी, जिसमें एक थी
तुम सुख में लोटी रया,
हम दुःख में पोती रयां !
तुम स्वर्ग, हम नरक,
धरती में, धरती आसमानौ फरक !
तुमरि थाइन सुनुक र्र्वट,
हमरि थाइन ट्वाटे– ट्वट !
तुम ढडूवे चार खुश,
हम जिबाई भितेर मुस !
तुम तड़क भड़क में,
हम बीच सड़क में !
तुमार गाउन घ्युंकि तौहाड़,
हमार गाउन आसुंकि तौहाड़ !
तुम बेमानिक र्र्वट खानया,
हम इमानांक ज्वात खानयाँ !
तुम पेट फूलूंण में लागा,
हम पेट लुकुंण में लागाँ !
तुम समाजाक इज्जतदार,
हम समाजाक भेड़-गंवार !
तुम मरी लै ज्युने भया,
हम ज्युने लै मरिये रयाँ !
तुम मुलुक कें मारण में छा,
हम मुलुक पर मरण में छाँ !
तुमुल मौक पा सुनुक महल बणैं दीं,
हमुल मौक पा गरधन चङै दीं !
लोग कुनी एक्कै मैक च्याल छाँ,
तुम और हम,
अरे ! हम भारत मैक छा,
ओ साओ ! तुम कैक छा ?
सुमित्रानंदन जुक जन्म २० मई १९०० कौसानी अल्मोडा मै है छी, य छायावादी कवि चार स्तंम्भ में एक छी, झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा- किरण, शीतल-पवन, तारो की चुनरी ओडे गगन से, उतरती संध्या, य सब सहज रुप से काव्य क उपादान छी, हिंदी कि काव्य सेवा लिजी उनन के पद्म विभूषण (१९६१), ज्ञानपीठ ( १९६८),साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कारों से सम्मानित करी भे, उनरी प्रमुख रचना, युगपथ,चिदंबरा,पल्लविनी, सव्चछंद आदी छी। शायद सब लोग जानते ही होंगे कि अमिताभ बच्चन का नाम उनके पिता जी ने पहले ‘इंक़लाब’ रखा था , जिसे सुमित्रानंदन पंत जी ने ही बदल कर ‘ अमिट आभा वाले ‘ #अमिताभ किया !!
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