posted on : सितम्बर 26, 2021 9:21 पूर्वाह्न
गढ़वाल : उत्तराखंड विकास पार्टी के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने पैरामेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर करने की मांग की। सरकार ने पिछले साल राज्य के श्रीनगर, हल्द्वानी और देहरादून मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया था। इन मेडिकल कॉलेजों में रेडियो टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन,ओटी टेक्नीशियन के कुल 90- 90 सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिए गए, लेकिन युवाओं को एडमिशन मिलने के बाद भी अभी तक फैकल्टी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मेडिकल कॉलेजों की ओर से अपनी फैकल्टी से ही जुगाड़ के तहत काम चलाया जा रहा है। साल भर बाद भी फैकल्टी की व्यवस्था ना होने से सरकार की स्वास्थ्य के प्रति बेरुखी ही परिलक्षित होती है। सरकार ने सरकारी अस्पतालों के लिए ट्रेंड टेक्नीशियन उपलब्ध हो सके इसलिए पैरामेडिकल कोर्स शुरू किए थे, मगर बिना फैकल्टी और सुविधाओं के तैयार हो रहे यह टेक्नीशियन आने वाले समय में कितने उपयोगी साबित होंगे यह समझा जा सकता है। सरकार ने इन कोर्स के लिए भारी-भरकम फीस तय की है जो कि करीब पैंतालीस हजार रुपये है जबकि नर्सिंग ट्रेनिंग की फीस दस हजार रुपये ही है जिसमें कि सारी सुविधाएं उपलब्ध है। यह बताता है कि सरकार लगातार बनिया गिरी का काम कर रही है और उसका उद्देश्य जनकल्याण नहीं बल्कि पैसा कमाना रह गया है। ऐसी सरकार को उत्तराखंड के आम जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है।