कोटद्वार । भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह बिष्ट गढ़वाली ने सोमवार को प्रेस को एक विज्ञप्ति जारी की जिसमें उन्होंने बताया कि अभी तक कई सरकार आयी कई सरकार गयी परन्तु राजनीती में सबसे बड़ी जीत वही, जहां कार्यकाल में हुए काम दिखे और जनता उन कार्यों की तारीफ भी करें ।ऐसे ही कार्य बीजेपी के शासन काल में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा किये। जो की कांग्रेस को कभी हजम नहीं हुआ वह राजनीति करने का कोई भी मुद्दा नहीं छोड़ती। वो कहते है न सियानी बिल्ली खम्भा नोचे। आखिर कई दशकों तक सत्तासीन कांग्रेस जिसने भारतवर्ष पर राजनीती करी हो उसे सत्ता से दूर रहना कैसे पच सकता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने सबसे बड़ा फैसला गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का लिया है और अब तेजी से गैरसैंण के विकास के रोडमैप पर कार्य किया जा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया। इसमें तीर्थ पुरोहित और पंड समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से राज्यवासियों के सभी परिवारों को पांच लाख रुपये वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। जिससे राज्यवासियों को काफी लाभ हो रहा है। पलायन आयोग का गठन राज्य में पहली बार इंवेस्टर्स समिट आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री का यह फैसला पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए होम स्टे योजना काफी लाभकारी साबित हो रही है। इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भी कई निर्णय लिये गये।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज-2 परियोजना, एयर कनेक्टीवीटी पर किया जा रहा काम मुख्य है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहां उड़ान योजना में हेली सेवा शुरू की गई है। श्री बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान बनाया गया है। जिसके लिए केंद्र सरकार ने लगभग एक लाख करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की साथ ही मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण अन्य राज्यों से घर लौटे लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सौर स्वरोजगार योजना भी कारीगर साबित हुई जहां काफी लोग स्वरोजगार से जुड़े। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की नज़र में सरकार की दूसरी बड़ी उपलब्धि ट्रांसफर एक्ट रही और ज़रूरतमंद कमर्चारियों को सही पोस्टिंग मिली। वहीं प्रदेश को हड़तालों से निजात दिलवाकर कर्मचारियों के मसले बात से सुलझाने को भी मुख्यमंत्री उपलब्धि मानते हैं। बात अगर साल 2021 में हुए कार्यो की करें तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा कोरोना काल में कुंभ को भव्य सुरक्षित करवाना ही सबसे बड़ी शुरुआत रही। साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र के 38 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की सहमति भी प्रदान की जिससे राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए उपलब्ध हो।
साथ ही त्रिवेंद्र सरकार ने चमोली की एक सामान्य महिला से किया अपना 13 साल पुराना वादा भी निभाया है। सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी देने वाला अध्यादेश पास किया है। राजस्व रिकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में भी महिला का नाम दर्ज होगा। इस ऐतिहासिक फैसले पर कैबिनेट ने बुधवार को मुहर लगाई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को ट्वीट कर खुलासा किया कि उन्होंने 13 साल पहले कृषि मंत्री रहते हुए एक महिला से ऐसा कानून लाने का वादा किया था। पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिसे नकारा नहीं जा सकता है। परन्तु ये कार्य कभी विपक्ष ने नहीं स्वीकारे है। उम्मीद है उत्तराखण्ड कि वर्त्तमान सरकार समाज को विकास की राह पर हमेशा आगे बढ़ाती रहेगी ।