कोटद्वार । उत्तराखंड वन निगम के छंटनीशुदा कर्मचारियों ने क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम को नियुक्ति की मांग के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र मांग पूरी नहीं की जाती है तो वह लोग आंदोलन के लिए वाध्य होंगे । सोमवार को झंडाचौक स्थित हिंदू पंचायती धर्मशाला में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 1995 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश वन निगम गढ़वाल क्षेत्र से 582 दैनिक कर्मचारियों को कार्य की कमी का बहाना बताकर छंटनी कर दी गई थी। जिसमें से 235 दैनिक स्केलर व चौकीदारों को बाद में उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा कार्य पर रख दिया गया जबकि उत्तराखंड वन निगम ने ऐसा नहीं किया। वे आज भी अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।
कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड वन विकास निगम द्वारा बैकडोर से सैकडों कर्मचारियों की भर्ती करने के साथ ही सेवानिवृत्त स्केलर व चैकीदारों को भी कार्य पर रखा जा रहा हैए जबकि वर्ष 1995 में जारी किए गए छंटनी आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि कार्य की वृद्धि होती है तो पहले छंटनीशुदा कर्मचारियों को रखा जाएगा। कहा कि इसके अलावा वर्ष 2001 में विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत द्वारा गठित समिति ने छंटनीशुदा कर्मचारियों की आयु को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें उत्तराखंड के वन विकास निगम के रिक्त पदों पर छंटनीशुदा कर्मचारियों को समायोजित किये जाने की बात कही थी। लेकिन उसके बाद विभाग द्वारा छंटनीशुदा कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली गई। जिससे उनमें आक्रोश बना हुआ है। कहा कि उत्तराखंड वन विकास निगम सभी प्रकार की भर्तियों पर रोक लगाए और पहले छंटनीशुदा कर्मचारियों की नियुक्ति करे।
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