posted on : अक्टूबर 5, 2021 5:10 अपराह्न
पौड़ी : जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आज लैंसडाउन तहसील सभागार में तहसील दिवस आयोजित किया गया। तहसील दिवस में आए फरियादियों की समस्याओं को जिलाधिकारी ने विस्तारपूर्वक से सुना तथा अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। आयोजित शिविर में करीब 64 शिकायतें दर्ज की गई। जबकि कुछ शिकायतों पर जांच कमेटी गठित करते हुए, जांच के उपरान्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। दर्ज शिकायतों में अधिकतर शिकायतें जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई सहित पेयजल निगम, स्वास्थ्य, पशुपालन कृषि, भूमि विवाद, पैमाइश कराने सहित अन्य विभागों की शिकायतें शामिल हैं, जिनका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने जल्द शिकायतों/समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील दिवस में जो शिकायते दर्ज हुई हैं उन्हें 15 दिन के भीतर निस्तारीकरण करेंगे तथा शिकायतों की कार्य प्रगति की रिपोर्ट शिकायतकर्ता को भी देना सुनिश्चित करेंगे तथा लापरवाही करने वाले संबंधित अधिकारी के वार्षिक चरित्र प्रविष्टि पर इसका अंकन करने की बात कही। उन्होंने एसडीएम को निर्देशित किया कि तहसील स्तर से आ रहे न्यायिक मामले, खाता खतौनी, कर्मियों के ट्रांसफर जैसे मामलों का निस्तारण मौके पर करें, जिससे लोगों को शिकायत हेतु उच्च अधिकारियों के पास ना जाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों में बैठक करें तथा ग्रामीणों को मोटर मार्गों से संबंधित कार्य प्रगति, निर्माण कार्य प्रारम्भ व निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि जैसी जानकारी देना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने दर्ज शिकायतों के सम्बन्ध में अधिकारियों से चर्चा करते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों से संबंधित जिन प्रकरणों पर प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, उन पर शीघ्रता से कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की समस्याओं का निस्तारण तहसील स्तर पर ही करना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें परेशानियों का सामना करते हुए जनपद मुख्यालय न आना पड़ें। साथ ही उन्होंने विवादस्त मामलों की जांच आख्या भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि तहसील दिवस में शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत की गई है उस पर कार्यवाही करें तथा शिकायतकर्ता को उसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें। जिससे उसके मन में दुविधा ना बनी रहे। साथ ही उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बेहतर गुणवत्ता के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि जिस भी विभाग के पास जो शिकायत आती है, उसको दर्ज कर यथासम्भव अपने स्तर पर ही निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस के अवसर पर सभी विभागों के अधिकारी मौजूद होते है और एक ही जगह पर समन्वय बनाकर सभी समस्याओं का हल निकालकर समस्याओं का निस्तारण किया जाता है। जल संस्थान व लोक निर्माण विभाग की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को तत्काल निरीक्षण कर समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जल संस्थान व स्वजल अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों में बैठक कर जल जीवन मिशन के अंतर्गत हो रहे कार्यों की जानकारी व पेयजल स्वच्छता समिति का गठन करना सुनिश्चित करें। साथ ही कहा कि जल जीवन मिशन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी भी दे।
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि तहसील दिवस आयोजित करने का प्रयोजन यह है कि इस अवसर पर ऐसी जन समस्याओं का निराकरण हो सके, जिन पर बहुत लम्बे समय से विभागीय स्तर से निर्णय नहीं हुआ है या ऐसे प्रकरण जिनमें दो विभागों के स्तर से कार्यवाही की जानी है, ऐसी समस्याओं पर दोनों संबंधित विभागों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों या आम नागरिकों के समक्ष समस्या के संबंध में चर्चा किया जाना है, ताकि उन्हें उसके संबंध में जानकारी रहे। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि अपने विभाग के लम्बित समस्याओं/शिकायतों की सूची बनाकर संबंधित तहसील को तहसील दिवस आयोजित होने से एक सप्ताह पूर्व उपलब्ध करा दें, ताकि समस्याओं/शिकायतों का समाधान करने में आसानी हो सके। साथ ही उस शिकायत के संबंध में जो भी पत्राचार किया गया हो, वह भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कहा कि आज तहसील दिवस में अधिकांश प्रकरण लोक निर्माण विभाग, सड़क मार्ग, निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई से संबंधित है, जिनमें विभागों द्वारा डीपीआर बनायी गई, कुछ में स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, कुछ में टेण्डर हो चुका है, किन्तु आम जनता को इसकी जानकारी नही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि जब भी किसी प्रकरण पर कार्यवाही की जाती है, उसकी शासन से स्वीकृति/अनुमति होती है, या निर्माण कार्य टेण्डर आदि प्रक्रिया होती हैं, तो उसकी जानकारी संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख या क्षेत्र के किसी जनप्रतिनिधि को देनी चाहिए, इससे आपके द्वारा प्रकरण में की गई सकारात्मक कार्यवाही से आम जनता को जानकारी रहती है और वह संतुष्ठ रहती है। उन्होेंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि मोटर मार्ग के संबंध में जितनी भी डीपीआर की गई हैं, उसके संबंध में आम जनता के बीच जाकर संबंधित ग्राम पंचायत में बैठक करते हुए उन्हें सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। उन्होंने कहा कि विभाग सर्वेक्षण के दौरान या डीपीआर गठन के दौरान ही यह देख लें कि आपकी योजना के कारण अगर किसी अन्य विभाग की कोई योजना प्रभावित हो रही है, तो इस संबंध में संबंधित विभाग के साथ चर्चा कर ली जाय, प्रभावित योजना के संबंध में सम्मूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली जाय, ग्राम सभा की बैठक कर ली जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि पेयजल के संबंध में भी काफी शिकायतें/समस्याएं आ रही है, इस संबंध में ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक कर समझाया जाना चाहिए। कहा कि ‘जल जीवन मिशन योजना‘ के तहत ग्रामीण स्तर पर पेयजल स्वच्छता समिति बनायी जानी है, कितनी ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव बना दिया है, कितना शुल्क लिया जायेगा, समिति का अध्यक्ष कौन होगा आदि की जानकारी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि तहसीलों से दाखिल खारिज, पैमाइश आदि न्याययिक प्रक्रिया से संबंधित प्रकरणों के लिए टीम गठित है और इस तरह के प्रकरण का निराकरण उनके द्वारा ही किया जाना चाहिए। कहा कि भविष्य में जिन तहसीलों में इस तरह के प्रकरण ज्यादा होंगे, उन तहसीलों के कर्मचारियों पर कार्यवाही की जायेगी। कहा कि कर्मचारी अपने कार्यो एवं दायित्वों प्रति सजग रहकर जनता की समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि अपने अधीनस्थ कार्यलयों में आने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान करें। साथ ही ऐसे प्रकरण जिनमें स्थानान्तरण/पदोन्नति होनी है, उसके लिए नियमानुसार आवेदन करें। कहा कि तहसील दिवस केवल जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए आयोजित किये जाते हैं। अधिकारी/कर्मचारी अपनी समस्याओं को गलत फोरम में पेश न करें, अन्यथा सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील दिवस में जो जन समस्याएं आई हैं, उनका 15 दिन के अन्दर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। साथ ही दर्ज शिकायतों पर 15 दिनों में की गई कार्यवाही से अवगत करायें। कहा कि जहां पर शिकायतें ज्यादा समय तक लम्बित रहेंगी, उस विभाग के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। कहा कि सभी अधिकारी/कर्मचारियों का कर्त्तव्य है कि सभी शिकायतों का समाधान निश्चित समयान्तर्गत करें और अगर समस्या का समाधान सम्भव नहीं है तो संबंधित अधिकारी को भेजना सुनिश्चित करें तथा संबंधित शिकायतकर्ता को भी अवगत करायें।
मुख्य विकास अधिकारी प्रशान्त कुमार आर्य ने कहा कि तहसील दिवस के माध्यम से जो शिकायतें प्राप्त होेती हैं, उनसे यह पता चलता है कि कार्य कहां पर तथा किस कारण से बाधित हो रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि जिन समस्याओं का समाधान शिविर में ही हो सकता है, उनका निस्तारण आज ही कर लिया जाय तथा शेष शिकायतें जिनका निस्तारण आपके स्तर किया जाना है, उनके संबंध में शिकायतकर्ता को अवगत कराते रहें कि शिकायतें कहां पर लम्बित है। साथ ही जो शिकायतें आपसे संबंधित न हो, उन्हें अपने पास न रखकर संबंधित विभाग को प्रेषित करें।
ब्लॉक प्रमुख जयहरीखाल दीपक भण्डारी ने कहा कि 1991 में जब तहसील दिवसों की शुरूआत हुई थी, तब हम छात्र जीवन में रहकर क्षेत्र की समस्याओं को प्रशासन के सम्मुख रखकर समाधान करवाते थे। आज तहसील दिवस में जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना है और उम्मीद है कि सभी समस्याओं का समाधान होगा। जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश ने कहा कि जनता के द्वारा जो भी शिकायतें लाई गई हैं, उनका समाधान शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस की उपयोगिता तभी बनी रहेगी, जब सभी समस्याओं और सुझावों पर कार्यवाही होगी। इस अवसर पर पीडी संजीव कुमार रॉय, एसडीएम स्म्रता परमार, महाप्रबंधक उद्योग मृत्युंजय सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी डीएस राणा, सिंचाई अधिकारी राजीव रंजन, जिला पूर्ति अधिकारी कोहली, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केएस नेगी, मुख्य पशु अधिकारी केएस बर्तवाल, बाल विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार, एमएम खान, सहायक समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल सहित अन्य उपस्थित थे।