रूडकी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रुड़की द्वारा वर्चुअल बैठक द्वारा कुटुंब प्रबोधन का कार्यक्रम किया गया कार्यक्रम का प्रारंभ इंजीनियर विश्वरीय द्वारा गण गीत शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है तथा श्याम भारद्वाज द्वारा एकल गीत जब-जब सोया राष्ट्र जगेगा . निशदिन फैला तमश हटेगा द्वारा किया गया.
मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक शरद द्वारा कहा गया कि सृष्टि की रचना में उसकी आधारभूत पहली इकाई कुटुंब परिवार है । परिवार में सभी लोग आत्मीयता से एक दूसरे के पूरक तथा हृदय में संवेदनशीलता रहती है । परिवार में चिंतन व्यवहार कल्याणकारी है इस प्रकार परिवार भाव, व्यवहार मिलाकर आदर्श परिवार बनता है परिवार में भिन्न व्यवहार स्वभाव तथा चिंतन भिन्न होने के कारण भी विवाद और संघर्ष का कारण नहीं बनता परिवार में विकलांग बच्चों वृद्ध व्यक्तियों को पूरी आत्मीयता एवं सम्मान के साथ जीने का अधिकार है और मनुष्य स्व और स्वार्थसे आगे बढ़कर परमार्थकी और विचार करने लगता है।परिवार का यह दृष्टिकोण जब व्यापक रूप लेता है तो जाति गाव, समाज, राष्ट्र और विश्व को जोड़ता है इसलिए भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुंबकम की भावना है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में परिवार की आवश्यकता को उजागर किया है परिवार में संस्कारों के कारण प्रधानमंत्री के आह्वान की अपने पास पड़ोस में अभावग्रस्त लोगों की सहायता के लिए सेवा कार्य मैं लग गया। जिसका परिणाम भारत में क्रोरोना महामारी से विश्व के अन्य देशों के मुकाबले कम क्षति हुई ।भारत में परिवार व्यवस्था की इस पुराने धरोहर को संजोए रखने की आवश्यकता है।आज के भौतिकवादी एवं विलास पूर्ण जीवन शैली पश्चिमीकरण का अंधाधुन अपनाने को रोकने पर भी बल दिया.
उन्होंने करोना कॉल में परिवारों में संस्कारों बुजुर्गों तथा बच्चों के द्वारा किए गए विशेष एवं आदर्श कार्यों का भी वर्णन किया । कार्यक्रम में परिवार सहित जिला प्रचार प्रमुख सहदेव सिंह पुंडीर, नवीन, नितिन, अमरीश, संजय कक्कड़, अंशुल, हरि ओम, अजय रावत, अक्षय कुमार, नवीन सैनी, महेश, योगेंद्रनाथ, सहदेव आदि उपस्थित रहे
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