कोटद्वार । प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी के द्वारा टाइगर सफारी संचालन केन्द्र को कोटडीढांग सनेह से किये जाने के लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गये सुझावों पर अमल शुरू हो गया है। उक्त आशय का पत्र मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव कृष्ण सिंह ने प्रमुख सचिव वन को प्रेषित कर दिया है। जिससे आने वाले दिनों में पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी के दिये गये सुझावों पर अमल होने की उम्मीद जग गयी है।
प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए कहा कि टाइगर सफारी संचालन केन्द्र को पाखरो के बजाय कोटडीढांग सनेह में किया जाने को लेकर उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को विगत 15 दिसम्बर 2020 को पत्र प्रेषित किया था, जिसमें सुझाव दिये गये थे कि कार्बेट नेशनल पार्क का लगभग 75 प्रतिशत भूभाग जनपद पौड़ी में आता है, ऐसी परिस्थिति में टाइगर सफारी संचालन केन्द्र पाखरो में खोले जाने से जनपद वासियों को कोई फायदा नहीं होगा, कहा कि जनपद पौडी सहित कोटद्वार वासियों के फायदे को देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी टाइगर सफारी संचालन केन्द्र कोटड़ीढांग सनेह में किये जाने को लेकर एनटीसीए भारत सरकार को भेजा गया था, वर्ष 2016 में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एवं वन अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण कर कोटड़ीढांग सनेह को उपयुक्त पाया गया था।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि टाइगर सफारी संचालन केन्द्र का स्थान एवं क्षेत्रफल तय करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, कहा कि टाइगर सफारी का सीमाकन इस तरह से किया जाना चाहिए ताकि वर्तमान कोटद्वार-कालागढ़- रामनगर मोटर मार्ग तथा स्थानीय जनता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा पाखरो गेट को पाखरो से पूर्व की दिशा में ऐसे स्थान पर बनाया जा सके ताकि वर्तमान मोटर मार्ग भी प्रभावित न हो।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके अथक प्रयास से ही कोटड़ीढांग में टाइगर सफारी संचालन केन्द्र को देखते हुए ग्रास्टनगंज स्थित मेलाग्राउंड में हैलीपैड का निर्माण भी करवा दिया था, जिसमें एक साथ चार हेलेकाप्टर उतर सकते हैं। ताकि दिल्ली से कोटद्वार का छह घंटों का सफर मात्र पचास मिनट में तय किया जा सके।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके पत्र का संज्ञान लिया गया तथा उक्त सुझावों पर अमल करने के लिए प्रमुख सचिव वन को भेज दिया गया है, जिससे आने वाले समय में टाइगर सफारी संचालन केन्द्र कोटडीढांग में खोले जाने की उम्मीद जग गयी है।
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