नैनीताल : अतिक्रमण हटाने के नगर आयुक्त कोटद्वार के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका को हाईकोर्ट नैनीताल ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कहीं यह तथ्य नहीं दिए हैं कि उनके द्वारा नजूल भूमि के फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं किया गया है। नगर आयुक्त द्वारा हाईकोर्ट के जनहित याचिका पर दिए गए फैसले के आधार पर ही जांच एवं नोटिस जारी किए गए हैं एवं नगर आयुक्त द्वारा विधि के समस्त प्रावधानों का पालन करते हुए जांच एवं नोटिस जारी किए गए एवं सुनवाई का अवसर अतिक्रमणकारियों को प्रदान किया गया है। इसलिए याचिकाकर्ताओं का यह कथन की नगर आयुक्त द्वारा उनका कथन नहीं सुना गया निराधार है। याचिकाकर्ताओं का यह कथन भी गलत है कि पहले सुनवाई की तिथि 25 मार्च रखी गई थी और बाद में इसे 23 मार्च कर दिया गया । नोटिस में स्पष्ट है कि सुनवाई की तिथि 23 मार्च ही थी।
यह स्पष्ट है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दुर्भावनावश किसी गलत नियत से याचिकाकर्ताओं को अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं कहा गया है, ऐसे में किसी प्रशासनिक आदेश को रिव्यू करने का स्कोप अदालत के पास बहुत कम हो जाता है , जो कि किसी अधिकारी द्वारा किसी न्यायायिक फैसले का पालन करते समय लिया गया हो । ऐसे में इस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई भी कारण नहीं बनता है। अतः रिट याचिकायें निरस्त की जाती है।