कोटद्वार । देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सोमवार को पर्यावरण मित्रों ने ठेका प्रथा के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया । उन्होंने सरकार और नगर निगम के अधिकारियों पर शोषण का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। साथ ही उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर ठेका प्रथा बंद कराने की मांग की।
सोमवार को सुबह की शिफ्ट में काम करने के बाद पर्यावरण मित्र दोपहर बारह बजे प्रदर्शन करते हुए तहसील परिसर पहुंचे जहां पर उन्होंने उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा । जिसमें ठेका प्रथा बंद कराने की मांग की। संगठन ने पर्यावरण मित्रों के पदों पर वर्षों से तैनात संविदा, दैनिक वेतन, आउटसोर्स, उपनल कर्मियों को नियमित करने की भी मांग की। पदाधिकारियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी ठेके में कम पैसों पर कार्य कर रहे है। जिससे उनका भविष्य असुरक्षित हो गया है। इसलिए सभी विभागों में सफाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाए।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण मित्र के पद को एक हजार की आबादी पर दो सफाई कर्मचारी व वाहन चालकों को आउटसोíसंग के माध्यम से भर्ती करना काले कानून जैसा है। नियमावली संशोधित करते हुए पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक, चालक आदि पदों पर पदोन्नति का लाभ दिया जाए। मृतक आश्रितों जिनके परिवार में सरकारी सेवक है उन्हें नियुक्ति प्रदान की जाए। पुरानी पेंशन योजना पुन: बहाल की जाए। सफाई कर्मचारियों का जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा किए जाए। राज्य कर्मचारियों की भांति भत्ते दिए जाए। धुलाई भत्ता व टूल भत्तों में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि निकायों में नजूल भूमि पर पीढ़यिों से रह रहे कर्मियों को मालिकाना हक दिया जाए। भूमिहीन बाल्मिकी समाज के लोगों को स्थाई निवास व जाति प्रमाण पत्र प्राथमिकता के साथ बनाए जाए। पर्यावरण मित्र पदनाम संशोधित करते हुए सफाई सैनिक नाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इन मांगों पर कार्रवाई नही होती तो फिर सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।