रुद्रप्रयाग : गुलाबराय मैदान रुद्रप्रयाग में आयोजित धेनुमानस गौ राम कथा के तृतीय दिवस पर रामायण और रामचरितमानस के आधार पर गौ महिमा बताते हुए प्रख्यात गौ कथा वाचक गोपाल मणि महाराज ने बताया कि गौ माता चलता फिरता देवालय है , संसार में किसी का मल पवित्र नहीं, लेकिन गाय का गोबर अनमोल है। गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाए क्योंकि भारत में गौ को माता बोला जाता है। उन्होंने कहा कि गौ माता को सम्मान दिलाने के लिए सरकार से चार मांग हैं। जिनमें गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना, गाय के गोबर का मूल्य दस रुपये प्रति किलोग्राम तय करना, दस साल तक की उम्र तक के बच्चे के लिए गाय का दूध पिलाया जाना अनिवार्य करना और गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराना शामिल है. कथावाचक गोपाल मणि महाराज जी ने कहा कि गौकथा दुनिया की सबसे पुरानी कथा है जिसको आज हम भूल गये है गौमाता सनातन धर्म की मूल है भगवान राम और कृष्ण भी इस धरा पर गौ की रक्षा के लिए अवतरित हुए है इस देश में करोड़ो राम कृष्ण भक्त है फिर भी गौमता का तिरस्कार हो रहा है । उन्होंने कहा कि गौ कथा दुनिया की सबसे पुरानी कथा है , जिसको आज हम भूल रहे हैं । उन्होंने कहा कि गौ माता सनातन धर्म की मूल है । मगर , यह दुर्भाग्य ही है कि आज भगवान राम और कृष्ण की इस धरती पर गौ माता का तिरस्कार हो रहा है । गौ तथा गंगा का सम्मान करना हम सभी सनातनी परंपरा के नागरिकों का परम कर्तव्य है ।