कोटद्वार । गुरुवार का दिन कोटद्वार के इतिहास के लिए सही नहीं रहा ।इस दिन शहर के 3 प्रसिद्ध नामी-गिरामी व्यक्ति परलोक सिधार गए । जिसमें ईएनटी सर्जन डॉक्टर भूपेंद्र अग्रवाल, रंगकर्मी रामरतन काला व पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी शामिल है इन तीनों की कमी की भरपाई होना मुश्किल ही नहीं अपितु नामुमकिन है ।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध रंगकर्मी व अभिनेता रामरतन काला का कोटद्वार में देर शाम हृदय गति रुकने से निधन हो गया। रामरतन काला ने गढ़वाली फिल्मों, लोकगीतों, नाटकों में अपने बेहतर अभिनय की छाप छोड़ी । उनके कई वीडियो लोकप्रिय हुए। काला लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। 2014 में उत्त्तराखण्ड यंग सिने अवार्ड ने काला को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार से सम्मानित किया था। वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी का भी देर रात 12:20 बजे ह्रदय गति रुकने से अपने निवास बलभद्रपुर कोटद्वार में 93 साल की उम्र में निधन हो गया । उनके निधन पर समस्त शिक्षक समाज ने दुख व्यक्त किया है ।
उत्तराखंड के प्रथम निर्वाचित सरकार में शिक्षा मंत्री रहते हुए उनके द्वारा प्रदेश की शिक्षा एवं शिक्षकों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कार्य किए गए, जिनमें प्रशिक्षित बेरोजगार (बीएड) शिक्षक समाज के हित में किए गए कार्य आज भी याद किए जाते हैं। चाहे विशिष्ट बीटीसी में नियुक्ति हो,एलटी या प्रवक्ता । हमेशा उत्तराखंड के बेरोजगारों की पीड़ा को महसूस ही नहीं किया अपितु रोजगार सृजन कर अपना कर्तव्य पालन किया जो आने वाले समय में कई वर्षों तक याद किए जाएंगे। साथ ही शहर के प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ भूपेंद्र अग्रवाल विगत कई दिनों से कोरोना से जंग लड रहे थे आखिरकार वह भी गुरुवार को कोरोना से जंग हार गए । उनके निधन पर शहर के डाक्टरों ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका स्थान भरना संभव नहीं है ।
Discussion about this post