पौड़ी : विश्व जल दिवस के अवसर पर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति अभियान के तहत “कैच द रेन” यानी वर्षा जल संचय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह अभियान देश भर के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इस अभियान का नारा है-“जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें।” यह अभियान पूरे देश में 22 मार्च 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक प्री-मानसून और मानसून अवधि के दौरान चलेगा। इस अभियान को जमीनी स्तर पर जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री जी ने देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों तथा जलशक्ति में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सरपंचों के साथ संवाद किया। उन्होंने सभी देशवासियों को जल संरक्षण करने, वर्षा जल को बचाने का संदेश दिया ओर कहा कि जल शक्ति अभियान को सफल बनाने का संकल्प लें।
विश्व जल दिवस के अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय के तत्त्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने विकास भवन सभागार पौड़ी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया। आयोजित कार्यक्रम के पश्चात जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय जल मिशन के संबंध में संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई तथा जनपद में जल शक्ति अभियान ‘कैच द रैन‘ कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने कहा कि “कैच द रैन” कार्यक्रम का मूल उदेश्य पानी की हर बूँद को बचाना है। जल संरक्षण के लिए जरूरी है पेड़ों को बचाया जाए। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने के साथ-साथ उनका संरक्षण भी आवश्यक है और पेड़ लगाने की शुरूआत अपने घर या आस पास से ही करें, जिससे उन्हें बचाया भी जा सके। जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कहा कि पुराने धारा, नौलों का संरक्षण पारम्परिक रूप से होना चाहिए जिससे उनका महत्व बना रहे। उन्होंने जनपद के सभी विकास खण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे कार्यों में कुल बजट के सापेक्ष 15 प्रतिशत धनराशि जल से संबंधित कार्यों में उपयोग की जाए साथ ही एक माह में पुनः इस संबंध में बैठक भी जाय।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख पौड़ी दीपक खुगशाल ने कहा कि बरसाती जल का बड़े स्तर पर उपयोग कर उसे बचाने की आवश्यकता है। चाल-खाल को और अधिक बनाया जाना चाहिए साथ ही जल संरक्षण के लिए बनाये जा रहे चाल खाल के आकार को बढ़ने की आवश्यकता है। कहा कि जितने अधिक वृक्ष संरक्षित होंगे भूमि में जल का स्तर उतना ही अधिक बढ़ेगा। इस अवसर पर सहायक अभियंता पेयजल निगम सतेंद्र पाल, सहायक अभियंता जल संस्थान सुनील बिष्ट, खण्ड विकास अधिकारी प्रवीण भट्ट, स्वजल से पूर्ण सिंह, विजय, पेयजल निगम कोटद्वार से राजेंद्र प्रसाद आदि उपस्थित थे।