posted on : सितम्बर 27, 2021 10:48 अपराह्न
कोटद्वार । उत्तराखंड राज्य निर्माण छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व संयोजक एवं पूर्व राज्यमंत्री जसवीर राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूर्व में चिन्हिकरण के जो मानक दिये गये थे उनमें कटौती कर चिन्हिकरण में जानबूझकर रोड़ा अटकाने का काम किया है। उन्होने कहा कि पूर्व में एलआईयू की रिपोर्ट और अखबारोँ में छपे समाचार को भी चिन्हिकरण का आधार माना गया था परन्तु जारी किए गए नये शासनादेश में इन्हें हटा दिया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार चिन्हिकरण नहीं करवाना चाहती है। कहा कि अब बहुत कम ही आन्दोलनकारी हैं जो कि चिन्हिकरण से वंचित रह गये हैं तथा जिनका चिन्हिकरण होना चाहिए। उन्होनें सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र शंसोधित शासनादेश जारी नही किया तो आन्दोलनकरियों को मजबूर होकर अन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा आन्दोलनकारियों के साथ इस प्रकार का छलावा किसी भी कीमत में बरदास्त नही किया जायेगा।