posted on : जून 17, 2021 4:39 अपराह्न
कोटद्वार । आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द वर्मा ने गुरुवार को एक ज्ञापन रेल मंत्री भारत सरकार पीयूष गोयल को ई मेल द्वारा दिया । जिसमें उन्होंने मांग की कि हरिद्वार-कोटद्वार व रामनगर के लिए रेलवे लाईन बनाने हेतु त्वरितता से सर्वे करवाया जाए व गढ़वाल मण्डल व कुमाऊ मण्डल को रेल मार्ग से जोडा जाए जिससे कि दोनो मण्डलों के जनमानस को आने-जाने में समय की बचत होगी व आम आदमी कम समय में व कम पैंसों में सुगम यात्रा कर सकेगा साथ ही इस रेल मार्ग से व्यापारिक माल भी एक से दूसरे मण्डल में सुगमता से आ-जा सकेगा जिससे व्यापारिक दृष्टि से भी दोनों मण्डलों में कम भाड़ा देकर माल आ-जा सकेगा और इससे प्रदेश का भी चैहमुखी विकास हो सकेगा । इस रेल मार्ग से तीर्थयात्री व पर्यटन के लिए आने-जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी जिससे कि तीर्थाटन व पर्यटन बढ़ेगा और राज्य के खजाने में भी राजस्व की भारी बढ़ोत्तरी होगी । पहले भी उक्त रेलवे लाईन के लिए काफी सामाजिक व राजनैतिक संगठनों द्वारा सतपाल महाराज को केन्द्र में रेल राज्य मंत्री रहते हुए कई ज्ञापन प्रेषित किए गये थे उसके पश्चात औपचारिक रूप से मात्र सामाजिक संगठन व राजनैतिक संगठनों को उनकी मांग पूरी की जाने हेतु औपचारिकता के रूप में औपचारिक सर्वे भी करवाया गया था किन्तु आज भी उक्त सर्वे औपचारिक होकर रह गया और गढ़वाल को कुमाऊ से हरिद्वार से कोटद्वार होते हुए रामनगर से रेलमार्ग से नहीं जोड़ा गया और ना ही कोई रेल मार्ग बनाया गया । ज्ञापन में यह भी मांग की कि कोटद्वार रेलवे स्टेशन विकास के अभाव में आज भी वैसा ही है जब उक्त स्टेशन का निर्माण हुआ था जबकि गढ़वाल का प्रवेश द्वार जहाॅ से पर्यटन व तीर्थाटन प्रारम्भ होता है उक्त रेलवे स्टेशन कोटद्वार में रेलवे का अन्तिम स्टेशन तथा जो कर्णप्रयाग तक रेलमार्ग बनाया जा रहा है उक्त रेलमार्ग को कोटद्वार से पौड़ी तक ना तो बनाया गया और ना ही सम्बन्ध में कोई कार्यवाही की गयी, ना ही कोई सर्वे हुआ और जबकि पौड़ी गढ़वाल की क्षेत्र की जनता की रेलमार्ग की पौड़ी मुख्यालय व उससे आगे तक के लिए जनता की हमेशा मांग रही लेकिन सत्ताधारी केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा उक्त मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया जिस कारण पौड़ी गढ़वाल के पूर्ण क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया और इसी कारण पौड़ी गढ़वाल के युवकों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा ।
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