देहरादून : जनपद चमोली में रेणी गाव के ग्लेशियर टूटने की घटना ओर भारी तबाही को अभी कुछ ही माह हुआ था कि जनपद में एक अन्य प्राकृतिक आपदा ने सभी के जेहन को झकझोर दिया, जब 23 अप्रैल को सुमना के करीब रिमझिम ग्लेशियर के टूटने से पुल का निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों के दबने और फंसने की घटना हुई.
रिमझिम ग्लेशियर आपदा की सूचना SDRF कंट्रोल के देर रात प्राप्त हुई जिस पर SDRF की टीमें तत्काल ही घटना स्थल को इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा के नेतृत्व में रिमझिम को रवाना हुई ज्ञातव्य हो कि जनपद चमोली में अत्यंत विकट एवम विषम मौसम के साथ ही अत्यधिक बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध होने की सूचना टीम जो प्राप्त थी किन्तु कर्यव्य निर्वहन की प्रतिज्ञा के आगे प्राकृतिक चुनौती गौण साबित हुई.
रेस्क्यू टीम रात्रि को ही जोशीमठ से 31 किमी आगे सुराईथोटा पहुंचे जहां ग्रीफ का बेस कैंप मौजूद है ग्रीफ कमांडर से संपर्क किया गया ग्रीफ बेस कैंप से 31 किलोमीटर आगे मलारी है और वहां से 16 किलोमीटर आगे सुमना पोस्ट है जहा ग्लेशियर टूटने की घटना घटित हुई थी। SDRF रेस्क्यू टीम इंचार्ज इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा द्वारा सेटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि SDRF की 9 सदस्यीय टीम बर्फबारी से रास्ता अवरुद्ध होने के कारण पैदल भाप कुंड पहुंची है और ग्रीफ के 20 जवानों के साथ पैदल ही घटनास्थल को रवाना हुई।
इसके अतरिक्त SDRF की एक टीम अतरिक्त सहायता हेतु रतूड़ा से जोशीमठ को रवाना हुई जबकि दो अन्यत्र टीमों को मय रेस्क्यू उपकरणों व आवश्यक सामग्री के वाहिनी मुख्यालय व सहस्त्रधारा पोस्ट पर अलर्ट में रखा गया है घटना की वास्तविक जानकारी एवम स्थिति प्राप्त होने पर सहस्त्रधारा से माउंटेनियरिंग टीम को हेली के माध्यम से भी रवाना किया गया। टीम द्वारा घटना स्थल में पहुंचकर रेस्क्यू कार्य आराम्भ किया, घटना स्थल में SDRF जे अतरिक्त आर्मी, बीआरओ, आईटीबीपी के जवान मौजूद थे संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रेस्क्यू राहत बलों ने वर्तमान समय तक जहां अनेक घायलों को सुरक्षित निकाला वहीं 15 शवों को भी बरामद किया.
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