कोटद्वार । कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को रोग मुक्त करने के लिए योग के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म चिकित्सालय में तैनात योगाचार्य सतीश कोहली लगातार क्वारेंटाइन सेंटरों में भर्ती लोगों से योग करवाकर उन्हें रोग मुक्त करने में जुटे हुए है।जहाँ आमजन कोरोना के नाम से भय खा रहे है वहीं सतीश क्वारंटाइन सैंटरो में जाकर क्वारंटीन किए लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं श्वशन तंत्र को मजबूत करने को लेकर योगाभ्यास करवा रहे है । उन्होंने शरीर में कफ को संतुलित करने के लिए भ्रस्तिका, कपाल भांति, उज्जयी, सूर्य भेदी प्राणायाम का अभ्यास कराया। इन आसन करने से व्यक्ति के शरीर की गर्मी को बढ़ाती है और कफ को कम करती है।
योगाचार्य सतीश कोहली ने बताया कि लॉकडाउन प्रथम से वह अभी तक घर नही गये है । रोज बच्चो के फोन आते है कि पापाजी कब आओगे उन्हें झूठी दिलासा देकर समझा देता हूँ क्योंकि इस समय सर्वप्रथम देश सेवा है । उन्होने बताया कि योग कक्षा में नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास कराया जा रहा है। योग व प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है साथ ही साथ मन भी बुरे विचारों से मुक्त हो जाता है जिससे हम अपने जीवन को दिव्यता का रूप दे सकते हैं ।योग में बहुत बड़ी ताकत है वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस के खतरे से लड़ रहा है वायरस के अटैक से बचने के लिए सभी को योगाभ्यास करना बेहद जरूरी है क्योंकि जब हम हष्ट पुष्ट रहेंगे तो कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को योगिक क्रियाओं से भी मजबूत बना सकते हैं आधुनिक जीवन शैली से हमारा खान-पान और रहन-सहन जिस तरह से प्रभावित हुआ है उसका असर हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ा है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति में हमारा शरीर बीमारियों का सामना नहीं कर पाता है आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को योगिक क्रियाओं से भी मजबूत बना सकते हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में हमारे खान-पान का तो महत्वपूर्ण योगदान होता ही है, साथ ही साथ व्यायाम और योगासन भी इस काम में खूब कारगर साबित होते हैं, उनमे कुछ ऐसे प्राणायाम और आसान भी हैं जो प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में अत्याधिक साबित होते हैं। 10 से 15 दिन में ही इनका अभ्यास करने से लाभ होने लगता है।
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