कोटद्वार (शैलेंद्र सिंह) : पुलिस को देखकर जनमानस के मानस पटल पर आमतौर पर कोई अच्छा संदेश नहीं जाता। लोग पुलिस को बुराई का पर्याय समझते रहे है। पुलिस की छोटी सी कमी का ढिंढोरा तो पीट दिया जाता है मगर अच्छाई का कभी भी गुणगान नहीं होता। पुलिस के हर कार्य को संदेह की दृष्टि से ही देखा जाता रहा है। ऐसा इसलिए भी होता रहा है, क्योंकि जनता ने पुलिस के कार्य को कभी भी नजदीकी से नहीं देखा। इन्हीं दूरियों के कारण पुलिस व जनता के आपसी सम्बन्ध मैत्री पूर्ण व सौहार्द पूर्ण नहीं हो सके। जबकि कोरोना काल में पुलिस देवदूत बनकर उभरी है ।
कोरोना संक्रमण के इस दौरान सबसे अधिक दबाव पुलिस जवानों पर ही है। पुलिस जवान कोरोना कर्फ्यू के साथ-साथ मिशन हौसला अभियान चलाकर कोरोना संक्रमितों तक आक्सीजन व जीवनरक्षक दवाइयां भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने व कोरोना से मृत्यु हो जाने पर दाह संस्कार की जिम्मेदारी भी पुलिस के कंधों पर ही है। पुलिस जवान कर्तव्यनिष्ठा से अपने फर्ज को निभा रहे हैं । उनमें से एक जवान है विकास गैरोला ।
गुरुवार को सुबह से ही लगातार बारिश हो रही थी वहीं दिल्ली फार्म में तैनात सिपाही विकास गैरोला व महिला सिपाही कोमल राठौर अपने स्वास्थ्य की चिंता न करते हुए बारिश में भीगते हुए अपना फर्ज निभा रहे थे । जो भी व्यक्ति आ रहा था उसको रोककर पूछना । आरटीपीसीआर रिपोर्ट देखकर ही उत्तराखंड में प्रवेश देना ताकि हमारे यहां का व्यक्ति सुरक्षित रह सके । जिस किसी व्यक्ति की मजबूरी होती तो फिर अपने उच्चाधिकारियों से वार्तालाप करके उनकी समस्या का हल भी करवाना । विकास दिल्ली फार्म बैरियर पर बेजुबानों का भी ध्यान रख रहे हैं । वह बेजुबानों को अपने स्तर से भोजन मुहैया करा रहे हैं । पुलिस जवान विकास गैरोला बताते हैं कि पब्लिक के लिए पुलिस 24 घंटे खड़ी है। सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल पहुंचकर लोगों की मदद कर रही है। लोगों से अपील है कि कोरोना कर्फयू के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से लड़ाई में अपना सहयोग दें।
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