कोटद्वार (गौरव गोदियाल) : कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत ज्यादा घातक सिद्ध हो रही है । महामारी के इस दौर में कोरोना के द्वितीय लहर के बीच चिकित्सक से लेकर सफाई कर्मी तक सभी जी-जान से जुटे हुए हैं। ये सभी अपनी जिम्मेवारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन, कोरोना की इस लड़ाई में सबसे कठिन कार्य कर रहे हैं लैब टेक्नीशियन । कोटद्वार बेस चिकित्सालय की लैब टेक्नीशियन आंकाक्षा नेगी ने सैंपल कलेक्शन में सराहनीय कार्य किया है। वे अब तक कई संक्रमित लोगों के सैंपल ले चुकी हैं। कोरोना योद्धा के रूप में इनके कार्य की सराहना स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी भी कर रहे हैं ।
कोरोना मरीज की पहचान से लेकर इलाज तक की प्रक्रिया में लैब टेक्नीशियन का जांच कार्य एवं कोरोना मरीजों के सैंपल लेने का कार्य अत्यधिक जोखिम भरा होता है। क्योंकि, सैंपल लेने के दौरान एक तो मरीज और लैब टेक्नीशियन के बीच दूरी न के बराबर रहती है। कोरोना संदिग्धों का स्वाब लेते समय भी मरीज को कई बार खांसी आ जाती है और तो और कई बार उल्टी भी हो जाती है। जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है। हालांकि, सैंपल प्राप्त करने का कार्य करते वक्त टेक्नीशियन पीपीई किट पहनकर ही इस कार्य को अंजाम देते हैं। बावजूद इसके इस कार्य में खतरा है। आकांक्षा कहती हैं, जब पूरे विश्व पर कोरोना का संकट छाया हुआ है तो वे लोग इससे कैसे मुंह मोड़ सकते हैं। जिम्मेवारी का निर्वहन तो हर हाल में करना ही है। वह बताती हैं कि पहली बार जब कोरोना का सैंपल कलेक्शन कर रही थी तो, उनके मन में एक डर था। लेकिन अब तो हर रोज के कार्यो में सैंपल कलेक्शन करना आदत में शामिल हो गया है । आकांक्षा बताती है कि कोरोना मरीजों की जांच करते समय संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। थोड़ी सी भी असावधानी खतरनाक हो सकती है। लेकिन जान जोखिम की चिंता फर्ज निभाने के हौसले को नहीं डिगा पाती ।
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