कोटद्वार : बरसात के मौसम में जबकि खनन की अनुमति नहीं होती तब भी शासन ने रिवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन की अनुमति दे दी है। अवैध खनन रोकने के लिए पिछली बार प्रशासन ने धर्मकांटा और सीसीटीवी लगाने की बात कही थी मगर कुछ नहीं हुआ। यानी प्रशासन खुद खनन कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं करना चाहता है। आपको बताते चले कि खनन से नदियों में बने गड्ढे में डूबने के कारण तीन बालकों की आकस्मिक मौत हो चुकी है । ओवर लोड डम्परों से सड़कें टूटने लगी हैं । जिलाधिकारी कार्यालय के द्वारा ओवर बॉडी डम्परों के खिलाफ कार्यवाही के लिए कहा गया था । जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा उपजिलाधिकारी कोटद्वार को ओवर बॉडी डम्परों के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा गया है । देखना है अवैध खनन पर रोक लगती है या नही । यह तो समय ही बतायेगा.
कोटद्वार के खनन व्यवसायी पर बिजनौर प्रशासन ने अवैध खनन के मामले में लगाया था सवा करोड़ का जुर्माना
नजीबाबाद क्षेत्र के सुंदरवाली में करीब चार माह से चल रहे अवैध खनन पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम उमेश मिश्रा ने पहले हुई शिकायतों और पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए निर्धारित समय से डेढ़ महीने पूर्व पट्टा निरस्त करने के साथ ही सवा करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले करीब तीन करोड़ का जुर्माना लग चुका है। साढ़े चार माह पहले सुंदरवाली में करीब सवा दो हेक्टेयर जमीन पर आरबीएम की खुदाई का पट्टा कोटद्वार निवासी गौरव कुमार के नाम जिला प्रशासन ने स्वीकृत किया था। शुरूआती दौर से ही पट्टा विवाद में घिर गया। नजीबाबाद वन विभाग ने प्रशासन को निर्धारित जगह से अलग खुदाई होने का पत्र लिखा। इस पर तत्कालीन डीएम रमाकांत पांडेय ने 20 अप्रैल को 2.38 करोड़ रुपये , 23 मई को 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। बावजूद इसके पट्टे की जमीन से अलग खनन का काम जारी रहा। पिछले माह डीएफओ नजीबाबाद की ओर से एक पत्र और लिखा गया। इस पर प्रशासन ने उस जगह की जांच कराई। जिसमें पूरी गड़बड़ी सामने आ गई।
बिना लाइसेंस, बिना रमन्ना व ओवरलोडिंग कर जा रहे डम्परों पर भारी जुर्माना
तीन दिन पूर्व परिवहन कर संग्रह कौड़िया में सुबह 11 बजे परिवहन कर अधिकारी द्वितीय द्वारा खनन सामग्री से भरा डम्पर को रोका गया। परिवहन विभाग की टीम द्वारा वाहन के पेपर व रमन्ना मांगा गया जिस पर चालक द्वारा रमन्ना व लाइसेंस प्रस्तुत नही किया गया, डम्पर 18,510 किलोग्राम ओवरलोड भी पाया गया। जिसके बाद परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस न होने व ओवरलोडिंग को लेकर 48 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। और यह रिपोर्ट उपजिलाधिकारी कोटद्वार को भेज दी गयी। इससे पूर्व 5 जुलाई को परिवहन विभाग व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा चैकिंग के दौरान एक डम्पर से खनन सामग्री ले जाते समय लाइसेंस, रमन्ना व तोल काटा की पर्ची मांगी गई जो की चालक के पास मौजूद नही थी। जिसके लिए 72 हजार रुपये का चालान किया गया।
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