हरिद्वार : महाकुम्भ हरिद्वार का द्वितीय शाही स्नान सकुशलता से सम्पन हुआ, आज रात्रि 12 बजे से ही हरकी पैड़ी ओर कुम्भ क्षेत्र के अन्य घाट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा आरम्भ हो गया था, हरकी पैड़ी क्षेत्र में शाही स्नान के समय को देखते प्रातः 800 बजे तक सम्पूर्ण घाट को खाली कर दिया गया, जहां कुछ समय पश्चात महा निरंजनी अखाड़े का शाही जुलूस स्नान को पहुँचा। ओर फिर आरम्भ हुआ कुम्भ का मुख्य आकर्षण, साधु सन्यासी औघड़, नागा एवमं सन्तो का शाही स्नान, एक अद्धभुत आलौकिक और अनुपम दृश्य, जब हजारों की संख्या में साधु सन्यासी मां गंगा की स्तुति के पश्चात स्नान को जल में उतरते हैं शरीर पर भस्म लगाए संन्यासी जहां साक्षात शिव के गण स्वरूप में दिखे वही कुछ ने केसरिया धोती में तो कुछ सफेद पहनावे में हरकी पैड़ी को आध्यत्मिक रंग से रंग दिया । सम्पूर्ण क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल ने घेर रखा था, किसी भी अप्रिय घटना से पूर्व सज होने के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के जवान घेरा बनाये रखे थे।, इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण कुम्भ के सभी घाटों पर कंट्रोल रूम से सीसीटीवी से नजर रखी जा रही थी, जन्य घाटों पर भीड़ अनुमानित मानक से अधिक न हो इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के density counting सिस्टम की मदद से समय समय पर आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे थे, खोया पाया केंद्रों की मदद से भी मेले में भटक रहे श्रद्धालुओं को सम्बन्धितों से मिलाने हेतु अलाउंस कराया जा रहा था।
दुसरे शाही स्नान पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार हरिद्वार में मौजूद रहे जिनके नेतृत्व में कुम्भ मेला पुलिस चप्पे चप्पे पर सतर्ग सजग और तत्पर तेनात रही। दुनिया के सबसे जन आयोजन महाकुंभ मेले में शाही स्नान को अत्यंत सीमित स्थान पर सुगम एवम सचल रख व्यवस्थित करना आसान नहीं है। शाही स्नान में श्री अखाड़ों के लाखों साधु संत व श्रद्धालु हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में तय रूपरेखा में स्नान को आते हैं किन्तु समय की पूर्व नियोजित रूपरेखा में किसी अखाड़े के हजारों श्रद्धालुओं को नियत समय पर स्नान करा कर सकुशल वापस भेजना अत्यंत जटिल कार्य है एक भी अखाड़े की तय सीमा कम या अधिक होने से पूरी योजना प्रभावित होती है इसलिए अन्य जिम्मेदारीयों के साथ ही इस कार्य को संपन्न कराने का बीड़ा स्वयं पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ सजंय गुंज्याल ने उठाया जिनके द्वारा समय समय पर PA सिस्टम के माध्यम से सामंजस्य व व्यवस्था समन्धित दिशा निर्देश जारी किए, इसके अतरिक्त आई जी कुम्भ महोदय द्वारा सोशल माध्यम से यातायात एवम अन्य घाटों में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं हेतु अपील प्रेषित की.
शाम लगभग 600 बजे तक सभी श्री अखाड़ो का शाही स्नान सम्पन्न हो गया तद्पश्चात हरकीपेडी घाट को भी आमजनमानस के लिए खोल दिया गया, जहाँ समय 10:00 बजे तक 7 लाख लोगों ने स्नान किया वहीं 1200 बजे यह आंकड़ा 21लाख से ऊपर हो गया था समय शाम 1800 बजे तक कुल 31लाख से अधिक भक्तो ने स्नान किया। अखाड़ो के क्रम में श्री निरंजनी, श्री जूना अखाड़ा, श्री महानिर्माणी अखाड़ा, (श्री निर्मोही आणि, श्री दिगम्बर आणि,श्री निर्वाणी) श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री निर्मल अखाड़ा एवं उनमे सम्मलित अन्य अखाड़ो ने शाही स्नान किया 14 अप्रैल को भी उपरोक्त श्री अखाड़े इसी क्रम में स्नान करेंगे।