कोटद्वार (गौरव गोदियाल): कोरोना वायरस से महायुद्ध में वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा ले रही हैं । फिर बात अगर कोरोना लॉकडाउन की करें तो, ये तो सभी जानते हैं कि इस दौरान महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य को निभाने के लिए अपने घर से दूर रहकर कर्त्तव्यों का पालन किया । आज हम बात कर रहे राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में तैनात लैब टेक्नीशियन रूचिता नेगी की । कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के सैंपल लेने की जिम्मेदारी लैब टेक्नीशियन को सौंप रखी है। मरीजों का सैंपल लेना किसी खतरे से कम नहीं होता है। कई बार सैंपल लेते वक्त मरीज खांस देता है। सभी ड्रापलेट ऊपर ही आ जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद रूचिता शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभाती आयी है और निभा रही हैं ।
वर्तमान समय में विश्व में कोरोना वायरस महायुद्ध में सिपाही की भूमिका निभाने वाले असली हीरो लैब टेक्नीशियन ही है । जैसे मोतीहार के पीछे धागे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है सारे मोती उसी पर शोभायमान होते हैं और प्रसंशा के पात्र बनते है । बिचारे धागे की तारीफ कोई भी नही करता बस कुछ उसी तरह इनका भी चिकित्सा क्षेत्र मे महत्व है ।वर्तमान चिकित्सा पद्धति प्रयोगशाला जांच पर आधारित है, ऐसे मे लैब टैक्नीशियन का रोल काफी महत्व पूर्ण है या यूँ भी कह सकते है कि वह चिकित्सा प्रणाली की प्रथम कड़ी हैं, क्योंकि जांच के आधार पर ही पूरी चिकित्सा आधारित होती है । लैब टैक्नीशियन मरीज के अति निकट जाकर उसके रक्त, मल, मूत्र आदि एकत्रित कर जांच करने की जिम्मेदारी निभाता है, ऐसे में वायरस या बैक्टीरिया की चपेट मे आने का खतरा तो लैब टैक्नीशियन को सर्वाधिक रहता है ।
टेक्नीशियन शारीरिक पदार्थों के सैंपल लेते हैं, इकट्ठे करते हैं उनके नमूने सही समय पर टेस्ट करने की उनकी जिम्मेदारी तो रहती ही है सही समय पर रिपोर्ट तैयार करना एवं सही समय पर मरीज को देना ताकि उसका सही समय पर इलाज हो सके । चाहे वह माइक्रोबायोलॉजी टेस्टिंग हो या बायो केमिस्ट्री के टेस्ट । लैब में जाकर उनको माइक्रोस्कोप के जरिए परीक्षण करना होता है । सही समय पर जांच की रिपोर्टिंग भी उनकी बड़ी जिम्मेदारी होती है इसी के आधार पर सही समय पर ट्रीटमेंट किया जाता है इन सब प्रायोगिक विधियों के दरमियान वास्तव में वायरस या बैक्टीरिया के प्रभाव में आने का खतरा सबसे ज्यादा उनके लिए ही होता है और जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी अगर सही समय पर लापरवाही से गलत रिपोर्ट बन जाए तो मरीज को भी ठीक नहीं कर सकते तो टेक्नीशियन का रोल वाकई में महत्वपूर्ण है । यह हमारे लिए कोरोना योद्धा तो है ही साथ ही हमारे जीवन के असली हीरो है,क्योंकि वह अपने जीवन को दांव पर लगाकर अपने कर्तव्य परायणता में लगे हुए हैं । वर्तमान में राष्ट्रहित के लिए मानवता की रक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी भी लगाई हुई है ।
लैब टेक्नीशियन रूचिता नेगी ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन में ड्यूटी करना बेहद कठिन काम था । पीपीई किट पहनकर ड्यूटी देना काफी मुश्किल होता था । परिवार से मिलने की इच्छा भी बहुत होती थी, लेकिन बहुत मुश्किल से दिल को मनाना पड़ता था । ऐसे हालात में हम अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हट सकते थे । हमने ठान लिया था कि उस वक्त चाहे जो हो जाए, लेकिन हम ड्यूटी छोड़कर घर नहीं लौटेंगे । उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीज भले ही अभी कम आ रहे हैं, लेकिन खतरा अभी तला नहीं है. वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतना जरूरी न सिर्फ हमारे लिए बल्कि हमारे परिवार के लिए भी जरूरी है ।