posted on : जनवरी 17, 2022 9:26 अपराह्न
बिहार ब्यूरो
पटना : कभी कभी दारू पीने वालो के लिए एक खुशखबरी है,अब ऐसे लोग बिहार मै जेल जाने से बच जायेंगे. नए नियम के अनुसार दारू का अंतर प्रांतीय परिवहन अब एक संगठित अपराध की श्रेणी मै माना जाएगा. पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2016 के बिहार आबकारी और मध्यन्निदेश अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ गंभीर टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, बिहार सरकार ने कानून मे संशोधन प्रस्तावित किया है. प्रस्तावित संशोधित कानून का भूतलक्षी प्रभाव होगा,क्योंकि सरकार ने संशोधन मै स्पस्त लिखा है की विचाराधीन मुकदमों मै भी यह लागू होगा. अब दारू पीने ,घर एंड बाहर,वाले लोगो का summary trial किया जायेगा,आर्थिक दंड देने का अधिकार डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को दिया जा रहा है, वर्तमान कानून में विशेष न्यायलय के न्यायधीश ही ट्रायल देखते हैं. अब समरी ट्रायल से न्यायलय पर भोज कम हो जायेगा और त्वरित न्याय होने से जेल मै कैदियों की संख्या भी घटेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर दुख व्यक्त किया था कि बिहार मद्यनिषेद कानून के मुकदम्मो के कारण पटना उच्च न्यायालय मै 15 जज जमानत की अर्जी सुनने मै लगे रहते हैं और निचली अदालत तो इस कानून के मुकदम्मो के कारण भरे हुए हैं( choked). नए नियम के अनुसार दारू का अंतर प्रांतीय परिवहन अब एक संगठित अपराध की श्रेणी मै माना जाएगा.