बिहार ब्यूरो
पटना : अमृतसर-दिल्ली- कोलकाता इंडस्ट्रीएल कोरिडोर जो बिहार में गया के नजदीक से होकर गुजर रही है, इस कोरिडोर पर इंडस्ट्रीयल टाउनशीप विकसित करने की मांग एवं सुझाव बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) लगातार विभिन्न फोरम पर करते रहा है। यह एक बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि इस कोरिडोर के कैचमेंट एरिया में डोभी के नजदीक 1670.22 एकड़ का मेगा इण्डस्ट्रीयल प्रोजेक्ट विकसित होने जा रही है, जिसके लिए जमीन का चयन भी किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट पर अंशधारकों का सुझाव लेने तथा प्रस्तावित प्रोजेक्ट के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा करने के उद्देश्य से आज नेशनल इंडस्ट्रीयल कोरिडोर डभलपमेंट कॉपोरेशन का एक दो सदस्यीय टीम कॉर्पोरेशन के टेक्नीकल हेड अजय शर्मा के नेतृत्व में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ बैठक कर प्रस्तावित लगने जा रहे प्रोजेक्ट के विभिन्न आयामों पर चर्चा की तथा बीआईए के सदस्यों से उनका सुझाव प्राप्त किया।
टीम द्वारा अब तक प्रोजेक्ट पर किए गये काम तथा प्रस्तावित प्लान पर एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के संयुक्त रूप से गठित एसपीभी में लगेगी जिसका कुल एरिया 1670.22 एकड़ का होगा। डभलप होने जा रहे उक्त प्रोजेक्ट को स्थापित किए जाने के लिए चयन किए गये स्थान के सम्बन्ध में टीम द्वारा यह बताया गया कि लोकेशनल एडवांटेज जिसके अंतर्गत बेस्ट कनेक्टीविटी का सबसे बड़ा रोल है, के मद्देनजर चयन किया गया। टीम द्वारा यह जानकारी दी गयी कि जिस स्थान पर यह प्रोजेक्ट लगने जा रही है वह जी.टी. रोड तथा राष्ट्रीय उच्च पथ के नजदीक में है। इस क्षेत्र से हो कर रेलवे की ग्रेंड कोड लाइन पूर्व से विकसित है।
रेलवे द्वारा प्रस्तावित नया थर्ड फ्रेट कोरिडोर इस क्षेत्र से होकर गुजरेगा – हल्दिया, जगदीशपुर पाइप लाइन, इसी क्षेत्र से होकर गुजर रही है। टीम द्वारा यह बताया गया कि 1670.22 एकड़ में विकसित होने जा रहे इण्डस्ट्रीज प्रोजेक्ट में कुल उपलब्ध क्षेत्र का 62 प्रतिशत अर्थात 1040 एकड़ क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित होगी, जबकि 34 प्रतिशत क्षेत्र सड़क, खुला जगह, विभिन्न तरह के युटिलीटि सर्विस के लिए चिन्हित किया जा रहा है। टीम द्वारा यह भी जानकारी दी गयी कि इस प्रोजेक्ट में किस किस तरह की औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित होगी इसपर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गयी।
चर्चा के दौरान निम्न सुझाव बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा रखा गया।
- क्षेत्र में पानी की उपलब्धता एवं भविष्य की मांग को देखते हुए यह सुझाव दिया गया कि प्रोजेक्ट के तहत लगने वाले उद्योगों को सरकार पाइप लाइन के माध्यम से जल आपूर्त्ति की व्यवस्था करे जिससे कि कम से कम भूजल का उपयोग हो।
- बाहर से कच्चे माल तथा अन्य सामाग्री आयात हो सके तथा उत्पादित स्थानीय उत्पादों को निर्यात की सुविधा उपलब्ध कराने के मद्देनजर यह सुझाव दिया गया कि क्षेत्र में इनलैंड कंटेनर डिपो के साथ साथ कस्टम क्लियरेंस की सुविधा भी विकसित की जाय।
- विकसित हो रहे पार्क में स्थापित होने वाली इकाईयों को प्रतिस्पार्द्धात्मक दर पर विद्युत उपलब्ध हो इसके मद्देनजर यह सुझाव रखा गया कि डी.भी.सी. का पावर सप्लाई लाइन उपलब्ध करायी जाय।
- सूक्ष्म एवं लघु क्षेत्र के उद्योगों को भी इस परिसर में विकसित होने के लिए स्थान सुरक्षित रखी जाय।
- राज्य में फार्मास्यूटिकल एवं केमिकल उद्योगों के विकसित होने की संभावना के मद्देनजर प्रस्तावित इण्डस्ट्रीयल पार्क में उक्त प्रक्षेत्र को भी समाहित की जाय।
- प्लग एण्ड प्ले मॉडल के आधार पर कुछ उद्योगों के लिए व्यवस्था प्रोजेक्ट में हो।
- स्थापित हो रहे साइट से जी.टी. रोड, नेशनल हाईवे के लिए अच्छी सड़क सम्पर्क विकसित की जाय।
- भूजल की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए उस क्षेत्र में पहले से स्थित तालाबों/पोखरों को संरक्षित रखे जाने के साथ साथ कुछ नये तालाब विकसित किए जाने की भी चिन्तन प्रोजेक्ट में रखी जाय।
कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूण अग्रवाल, उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह तथा सुबोध कुमार गोयल, महासचिव आशीष रोहतगी, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष केपीएस केशरी के साथ साथ बड़ी संख्या में सदस्यगण मौजूद थे। एसोसिएशन के सदस्यों के साथ साथ सीआईआई की ओर से श्री सचिन चन्द्रा, आद्री के एसोसिएट प्रो0 डा0 शुधांषु कुमार मौजूद थे जबकि नेशनल इण्डस्ट्रीयल कोरिडोर डभलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से उनके टेक्नीकल हेड के साथ साथ प्रोजेक्ट के नोडल पदाधिकारी नीरज कुमार तथा इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे टाटा कंसलटेंसी इंजिनियरींग की टीम भी मौजूद थी।