लखनऊ : भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या को एक अलग पहचान देने के लिए योगी सरकार पूरी तरह से कोशिश कर रही है. 05 अगस्त को पीएम मोदी के राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही एक महीने के अंदर मंदिर का नक्शा भी पास गया.
गुरुवार देर शाम को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में होने वाले विकास कार्यों का जायजा लिया और भविष्य की योजनाओं पर विचार विमर्श भी किया. अधिकारियों ने सीएम को बताया की श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा होने से पहले ही अयोध्या को विश्व स्तर पर पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों की समीक्षा तो ली ही साथ ही अधिकारियों को इसके लिए उचित दिशा निर्देश भी दिए. योगी आदित्यनाथ के अनुसार भगवान राम की नगरी आधुनिकता और परंपरा का एक अद्भुत संगम होगी. जिसे हम विश्व के मानचित्र पर अंकित कराने के लिए वचनबद्ध हैं. सोलर सिटी के मॉडल के रूप अवधपुरी को विकसित करने की तैयारी की जा रही है और साथ ही सरयू नदी में पर्याप्त जल प्रवाह के साथ ही इसकी पौराणिक और ऐतिहासिक महत्वता को हर प्रकार के बनाए रखने की कार्ययोजना को तैयारी की जा रही है.
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या को सोलर सीटी के रूप में विकसित किया जाएगा. जिससे यह अन्य नगरों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत का कार्य करे. रामनगरी के प्रतिष्ठित पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से जुड़े विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. क्योंकि यहां पर भक्त पैदल परिक्रमा करते हैं. जिसमे अयोध्या विकास प्राधिकरण की मदद ली जा रही है.
इसके साथ ही प्रस्ताविक हवाई अड्डे के भी सभी अवरोध दूर किए जाएंगे. पैसे की कमीं की वजह से विकास कार्य को रूकने नहीं दिया जाएगा. सीएम ने गुप्तार घाट से नया घाट तक रिवर फ्रंट बनाने का भी आदेश दिया है. उनका कहना है कि अयोध्या धार्मिक पर्यटन का एक विशेष केंद्र बन रहा है. यहां भविष्य में देश से नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आकर भगवान राम के दर्शन करेंगे. जिसके लिए उन्हें गाइड की भी आवश्यकता होगी. इसलिए अयोध्या में अच्छे गाइड के लिए पर्यटन विभाग योजना की तैयारी करे. राम की पैड़ी में सरयू के जल का प्रवाह हो. इसके लिए सिंचाई विभाग कार्ययोजना को तैयार करने के लिए कहा गया है.
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