-कई दुकानों, मकानों में घुसा बारिश का पानी, गौशालाएं टूटी
कर्णप्रयाग (चमोली)। शनिवार रात्रि को हुई तेज बारिश से विकासखंड कर्णप्रयाग के लंगासू, उत्तरों आदि गांवों में आफत बरसी। तेज बारिश में गैन के बुग्याल से निकलने वाले रौंता गाड़ गदेरे के उफान में जहां लंगासू गांव के रास्ते, नहर, पेयजल लाइन सहित गौशाला बहा दी। वहीं कई घरों में पानी घुस गया। जबकि भूस्खलन के चलते उत्तरों गांव में एक मकान टूट गया। मकान में रहने वाले चार सदस्यों ने खिड़की तोड़कर बाहर निकले। लेकिन भूस्खलन के चलते आए मलबे में घर में रखा सारा सामान दब गया। प्रभावित को प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया।
शनिवार रात्रि को तेज बारिश से उत्तरों गांव की अनुसूचित जाति बस्ती में दिगंबरी देवी का मकान टूट गया। दिगंबरी के बेटे पंकज ने बताया कि उनके पास केवल एक ही कमरा था। जिसमें परिवार के चार जन सोए थे। अचानक घर के अंदर मलबा आ गया। जिस पर पंकज ने खिड़की तोड़ चारों जनों को बाहर निकाला। इस दौरान पंकज और दिगंबरी चोटिल भी हुई। वहीं टीका प्रसाद, भुवन प्रसाद के मकान में मलबा आ गया। जबकि शांति प्रसाद की गौशाला बह गई। लंगासू और उत्तरों गांव में रौंतागाड़ के गदेरे से नहर, रास्ते और पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं नरेंद्र प्रसाद की दुकान में मलबा आने से सामान खराब हो गया। हरीश लाल, रमेश लाल सहित आस पास के मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। जबकि चमाली में भजन सिंह कठैत की मकान में मलबा आने से पड़ोसियों के यहां शरण ली गई है।
कर्णप्रयाग क्षेत्र के कई गांव में खेत क्षतिग्रस्त
कर्णप्रयाग के उत्तरों, मैखुरा, चमाली, धल आदि गांवों में बारिश से कई खेत क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मैखुरा के देवी प्रसाद मैखुरी, धल के शिशुपाल सिंह, उत्तरों के प्रधान अनिल डिमरी, जितेंद्र कुमार आदि ने बताया कि बारिश से कई खेत भूस्खलन के चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
इनका कहना है-
मौके पर निरीक्षण के लिए गए एसडीएम वैभव गुप्ता और नायब तहसीलदार जीसी त्रिपाठी ने बताया कि मकान टूटने वाले प्रभावित को खाद्य सामग्री दी गई है। जबकि प्राइमरी स्कूल में विस्थापित किया गया है। वहीं अन्य नुकसान का जायजा भी लिया जा रहा है। सभी प्रभावितों की नियमानुसार मदद की जाएगी।
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